एक छोटी सी दुकान में कैसे खड़ा किया 3 अरब डॉलर का सम्राज्य अब बिकने जा रही है हल्दीराम ने कुछ ही समय के अंदर कितना बड़ा साम्राज्य कैसे बनाया आज हम बात कर रहे हैं हल्दीराम की सक्सेस स्टोरी के बारे में जिसने अपनी बिजनेस की शुरुआत एक छोटी सी दुकान से की थी लेकिन वह कहा जाता है ना की कोई भी बिजनेस बड़ा या छोटा नहीं होता बस उसको करने का तरीका और नजरिया उसे बिजनेस को बड़ा बनता है। हल्दीराम ने भी यही नजरिया अपनाया और एक छोटी सी दुकान से तीन अरब डॉलर की कंपनी को खड़ा कर दिया।
Haldiram Success Story: आज पूरे भारतवर्ष के अलावा पूरे विश्व भर में हल्दीराम का नाम छाया हुआ है शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जिसे हल्दीराम के बारे में नहीं पता है। हल्दीराम विश्व की और भारत की सबसे बड़ी कंपनियों के अंदर शामिल है हल्दीराम की शुरुआत राजस्थान के बीकानेर शहर से एक छोटी सी दुकान से हुई थी लेकिन आज यह पूरे तीन अरब डॉलर की कंपनी बन चुकी है। कई सालों की मेहनत के बाद हल्दीराम ने भारत की बड़ी-बड़ी कंपनियों के अंदर अपने आप को शामिल कर लिया है चलिए जानते हैं कि हल्दीराम की शुरुआत कैसे कब और किसने की थी इसके बारे में पूरी जानकारी।
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Haldiram Success Story हल्दीराम की नींव किसने रखी थी
हल्दीराम की नई गंगा भीसेन ने वर्ष 1937 के अंदर रखी थी। गंगा को शुरू से ही अपने पापा के पारिवारिक बिजनेस के अंदर रुचि थी जहां पर वह अपने पापा के साथ मिलकर भुजिया और अन्य नमकीन स्वीट्स बेचने का काम करते थे। हल्दीराम कंपनी का नाम हल्दीराम इसलिए पड़ा क्योंकि गंगा को उनकी मां हल्दीराम नाम से पुकारती थी इसलिए गंगा ने अपनी इस कंपनी का नाम हल्दीराम रखा था। हल्दीराम की शुरुआत राजस्थान की बीकानेर शहर के एक छोटे से दुकान से हुई थी जहां आज विश्व भर के कई देशों में अपना कारोबार करती है।
हल्दीराम के संस्थापक ने केवल की है आठवीं तक पढ़ाई
हल्दीराम के संस्थापक गंगा भिसेन ने केवल आठवीं तक की पढ़ाई की थी हालांकि कुछ समय बाद उनकी शादी के बाद पारिवारिक जीवन के अंदर कुछ अनहोनी होने के कारण इन्होंने अपनी पत्नी के साथ घर को छोड़ दिया था जिसके बाद इन्होंने वर्ष 1946 के अंदर हल्दीराम की पहली दुकान की स्थापना की थी जहां पर उनकी पत्नी मूंग दाल के नमकीन के साथ में भुजिया बनाने का काम करती थी इसके बाद से इन्होंने धीरे-धीरे अपने व्यवसाय को बढ़ाना शुरू किया।
आज 80 से भी ज्यादा देश में है कारोबार
हल्दीराम ने अपने संघर्ष की कहानी लिखकर पूरे विश्व भर में फैला दी है। जहां एक छोटे से दुकान की शुरुआत आज पूरे विश्व भर में फैल गई है। हल्दीराम के पोते किशन अग्रवाल ने वर्ष 1985 के अंदर अपने दादा के व्यवसाय को आगे बढ़ाया और उनके अंदर कई सारे अन्य प्रोडक्ट को भी जोड़ा किशन अग्रवाल ने हल्दीराम के अंदर चित्रा से भी ज्यादा नए नमकीन स्वीट्स से लेकर फूड और अन्य ड्रिंक को जोड़ा और अपने बिजनेस को विदेशों में फैलाना शुरू कर दिया। आज हल्दीराम विश्व भर के 80 से भी ज्यादा देशों में अपना कारोबार करता है। जिसके अंदर अमेरिका यूनाइटेड अरब अमीरात से लेकर श्रीलंका तक शामिल है।
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अब बिकने जा रही है हल्दीराम
करीब 85 वर्ष के लंबे कार्यकाल के बाद हल्दीराम अब बिकने जा रही है। हल्दीराम ने अपने इस सेक्टर के अंदर अपना दबदबा बना रखा था लेकिन कुछ पारिवारिक विवादों और अन्य कर्ण की वजह से अब हल्दीराम के अंदर 51% की भागीदारी टाटा ग्रुप द्वारा ली जा रही है। टाटा ग्रुप जल्द ही इस हल्दीराम के अंदर अपनी भागीदारी की घोषणा कर सकता है ऐसा मीडिया रिपोर्ट्स के अंदर बताया जा रहा है।