इस कारण से आई क्रूड ऑयल की कीमतों में तेजी, देखिए कंपनियों द्वारा जारी किए नए पेट्रोल और डीजल के दाम

crude oil price: प्राक्रतिक रुप मे पाया जाने वाला क्रूड ऑयल जिसकी कीमत में पिछले कुछ दिनों से तेजी देखी जा रही है फिर भी इसका असर घरेलू बाजारों में सामान्य ही रहेगा ।लंबे समय से घरेलू बाजारों में पेट्रोल और डीजल के रेट सामान्य स्तर पर ही कायम है जिससे सामान्य व्यक्ति के लिए राहत की सांस लेने जेसा है। रूस यूक्रेन युद्ध के चलते मार्च में कच्चे तेल की क़ीमत $139 प्रति बैरल तक पहुंच गई थी जो 2008 के बाद अब तक का उच्छतम स्तर था

सप्ताह के शुरू होने से पहले ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था वैश्विक सूचकांक में ब्रांडों को शामिल करने कि अनुमति देने का 2020 का प्रस्ताव आगे नहीं बड़ सकता जिस कारण फंड प्रवाह वंचित स्तरों को पूरा नहीं करता ,निश्चित रूप से इसका असर भारत की अर्थव्यवस्था पर देखने कों मिलेगा हम इसे एक चुनौती के रूप में लेने और इसके असर को कम करने के लिये कितना तैयार होंगे यह कुछ ऐसा है ।जो हम आगे देखेंगे ”सीतारमण ने कहा है कि भारत कच्चे तेल की जरूरतों का 8% से अधिक हिस्सा आयात से पूरा करता है जिस कारण वश अगर कच्चे तेल की कीमत बढ़ती है तो यह चिंता का विषय होगा ।

इन शहरों में है पेट्रोल डीज़ल की प्राइस इतनी

हमारे देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की बात करें तो यहां पेट्रोल 106.31 प्रति लीटर हैं ओर डीज़ल 94.27 रू प्रति लीटर पर स्थितहै कोलकाता में 92.76 रुपये और चेन्नई में 94.24 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर है. डीजल की बात करें तो इसके भाव दिल्ली में 89.62 रुपयेनोएडा में पेट्रोल 96.57 रुपये और डीजल 89.96 रुपये प्रति लीटर ,तिरुवनंतपुरम में पेट्रोल 107.71 रुपये और डीजल 96.52 रुपये प्रति लीटर ,चंडीगढ़ में पेट्रोल 96.20 रुपये और डीजल 84.26 रुपये प्रति लीटर ,हैदराबाद में पेट्रोल 109.66 रुपये और डीजल 97.82 रुपये प्रति लीटर ,पोर्टब्‍लेयर में पेट्रोल 84.10 रुपये और डीजल 79.74 रुपये प्रति लीटर है ।

दामों में गिरावट होने की वजह से अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर मंदी का साया मंडरा रहा है अमेरिका की सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व लोगों की खरीदारी क्षमता कम गटाने के लिए लगातार कर्ज महँगा करता जा रहा जो। कि यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा ऐसे में कच्चे तेल समेत सभी कमोडिटी के दामों में गिरावट की संभावना जताई जा रही कच्चे तेल की गिरावट के दो बहुत ही महत्वपूर्ण कारण हैं पहला डॉलर की मजबूती दूसरा वैश्विक मांग के चलते दामों में गिरावट आईइस गिरावट से भारत को बड़ी राहत मिल सकती है जो अपनी कुल खपत का 80 फिसड़ी कच्चा तेल आयात करता हैं

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