कर्ज के जाल के कारण नीलाम होगी अनिल अंबानी की Reliance Capital, जानिये नीलामी मे कौन है सबसे आगे

Anil Ambani's reliance capital will be auctioned due to debt trap
Anil Ambani’s reliance capital will be auctioned due to debt trap

कर्ज के जाल में फसे रिलायंस समूह के मुखिया अनिल अंबानी ,कंपनी रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) नीलाम होने जा रही है। इसी महीने कंपनी की ई-नीलामी करने की तैयारी है सूत्रों के मुताबिक कई कंपनियों ने रिलायंस को खरीदने का प्रस्ताव रखा है। अब कई दौर की बिडिंग होगी और सबसे ज्यादा बोली लगाने वाली कंपनी की झोली में रिलायंस कैपिटल गिरेगी। सबसे ज्यादा पेशकश पीरामलएंटरप्राइजेज-कॉस्मी , फाइनेंशियल होल्डिंग्स मानक दोनो कंपनी ने की है और यह ई-नीलामी के लिए बेस प्राइस होगी।

खबरो के अनुसार बिडिंग की जो प्रक्रिया है वह 19 दिसंबर से 22 दिसंबर तक होगी। पहले Round में बिडर्स को बेस प्राइस से कम से कम 1,000 करोड़ रुपये अधिक की बोली लगानी होगी। दूसरे round में बिडर्स को पहली राउंड की सबसे बड़ी बोली से कम से कम 750 करोड़ रुपये अधिक की बोली लगानी होगी। इसी प्रकार तीसरा round बिडर्स को दूसरे राउंड की सबसे बड़ी बोली से कम से कम 500 करोड़ रुपये ज्यादा की बोली लगानी होगी। कैपिटल के लेडर्स ने मंगलवार को दो विकल्पों में चर्चा की है रिजॉल्यूशन पेश करने वाली कंपनियों के बीच ई-ऑक्शन या क्लोज बिड इनवाइट आयोजित करना शामिल है लेकिन बैंको द्वारा दूसरा विकल्प चुना गया।

लेंडर्स निराश क्यों? लिक्विडेशन वैल्यू ?

रिलायंस कैपिटल और उसकी कंपनियों के लिए सबसे बड़ा ऑफर उनकी लिक्विडेशन वैल्यू से 60 फीसदी कम है।पीरामल-कॉस्मी ने अपने 5,231 करोड़ रुपये के ऑफर में पीरामल ने रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी के लिए 3,750 करोड़ रुपये ऑफर किए हैं। दूसरी कंपनियों के लिए कॉस्मी ने 1,481 करोड़ रुपये की बोली लगाई हैआरबीआई (RBI) ने भारी कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को 30 नवंबर 2021 को भंग कर दिया था और इसके खिलाफ इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग शुरू की थी। सेंट्रल बैंक ने नागेश्वर राव को कंपनी का एडमिनिस्ट्रेटर बनाया था।

तीन कंपनियों ने लगाई थी बोली

दरअसल, पिछले दिनों अनिल अंबानी की इस कंपनी के लिए तीन बोलियां प्राप्त हुई थीं, जिनमें से एक दुबई स्थित NRI समर्थित कंपनी थी, जिसने केवल 100 करोड़ रुपये की पेशकश की थी. वहीं 400 करोड़ रुपये की दूसरी बोली उद्योगपति नवीन जिंदल की कंपनी ने लगाई थी।

गौरतलब है कि RNEL का पहले नाम रिलायंस डिफेंस एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड था. अनिल अंबानी के रिलायंस समूह ने 2015 में पिपावाव डिफेंस एंड ऑफशोर इंजीनियरिंग लिमिटेड का अधिग्रहण किया. बाद में इसका नाम बदलकर रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड (RNEL) कर दिया गया।

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