धारावी के नाम से हटेगा झुग्गी झोपड़ियों की बस्ती का टैग, अडानी के कंधों पर रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट का भार

Dharavi Redevlopment Project
Source : Medium

Dharavi Redevlopment Project: दुनियाभर में प्रसिद्व झुग्गी झोपड़ियों की बस्ती धारावी की बहुत जल्द कायापलट होने वाली है। इस बस्ती ने एशिया में सबसे बड़ी झुग्गी झोपड़ियों का खिताब भी अपने नाम कर रखा है। महाराष्ट्र सरकार अब इसे रीडिवेलप करके नया लुक और एक नयी पहचान देने वाली है।

बता दें कि इस स्लम एरिया के रिडेवलपमेंट का यह प्रोजेक्ट करीब 20 हजार करोड़ की लागत का है। वर्ष 2019 में महाराष्ट्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए टेंडर निकाला था, पर कोरोना महामारी और अन्य कारणों की वज़ह से इसे रद्द करना पड़ा।

2019 में निकाला था टेंडर

2019 के बाद इसी वर्ष बीते अक्तूबर को महाराष्ट्र सरकार ने दुनियाभर में टेन्डर निकाला। इस टेन्डर मे 5 भारतीय एवं 3 अन्य विदेशी कम्पनियों ने रुझान दिखाया। हालाँकि 8 कंपनियों मे से केवल 3 कंपनियों ने ही बोली प्रक्रिया में भाग लिया। इनमे दिल्ली लैंड एंड फाइनेंस(डीएलएफ), नमन ग्रुप और अडानी रियल्टी शामिल है।

अडानी ने अपने नाम किया प्रोजेक्ट

29 नवम्बर 2022 को धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के सीईओ एसवीआर श्रीनिवास की निगरानी मे जमा हुयी बोलियों को खोला गया। इस प्रोजेक्ट के लिए निर्धारित योग्यता ना होने के कारण नमन ग्रुप की बोली को खारिज कर दिया गया। डीएलएफ ने इस प्रोजेक्ट के लिए 2,025 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। डीएलएफ की बोली से दोगुना से अधिक 5,069 करोड़ रुपये की बोली के साथ यह प्रोजेक्ट अडानी रियल्टी ने अपने नाम कर लिया है।

महाराष्ट्र सरकार धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट की मदद से वर्तमान में झुग्गी झोपड़ियों मे रहने वाले लोगों और उनकी आने वाली पीढ़ियों को एक नयी और बेहतर जिंदगी देना चाहती है। इसके तहत योग्य लोगों को घर और जरूरी सुविधाए मुफ्त मिलेगी। यह प्रोजेक्ट 7 वर्ष के समय में 2.5 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र का विकास करके 6.5 लाख से अधिक लोगों का जीवन बदल देगा।

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