आज हम एक ऐसी सक्सेस के बारे में बात करेंगे जिसे चाय बेचकर 100 करोड रुपए की कंपनी खड़ी कर दी है। आज हम आपको एक ऐसे ही नौजवान की सक्सेस स्टोरी के बारे में बताएंगे जिसे बिना हर मन केवल एक चाय के बिजनेस को करोड़ों रुपए की कंपनी में बदल दिया। आज यह नौजवान भारत के व्यक्तियों के लिए एक इंस्पिरेशन बन गया है इतनी कम उम्र के अंदर केवल चाय से 100 करोड रुपए की कंपनी बना दी तो चलिए जानते हैं। इस नौजवान की पूरी सक्सेस स्टोरी इस आर्टिकल के माध्यम से।
Anubhav Dubey: आज हम बात कर रहे हैं चाय सुट्टा बार के संस्थापक अनुभव दुबे के बारे में जिन्होंने एक चाय के ठेले से शुरुआत की और आज उनकी कंपनी 100 करोड रुपए की यह टी फ्रेंचाइजी का कार्य करते हैं। आज के युवाओं के लिए यह एक प्रेरणा का स्रोत है कि कोई भी बिजनेस छोटा या बड़ा नहीं होता है। बस इसके अंदर आपको मेहनत और लगन की आवश्यकता होती है। आप किसी भी कार्य को आसानी के साथ कर सकते हैं यह अनुभव दुबे ने करके दिखा दिया है। आज चाय सुट्टा बार कीर्ति फ्रेंचाइजी आज पूरे भारत के अंदर एक प्रमुख ब्रांड के रूप में देखी जाती है।
कोन है अनुभव दुबे
अनुभव दुबे का जन्म 1996 के अंदर मध्य प्रदेश के शहर रीवा जिले के अंदर हुआ था। अनुभव दुबे के पिता एक रियल एस्टेट एजेंट थे। अनुभव दुबे का शुरू से ही सपना एक रियल एस्टेट एजेंट बनने का था लेकिन उनके भाग्य में कुछ और ही लिखा था इसलिए उन्होंने बहुत बार आईआईटी, आईआईएम और यूपीएससी जैसी बड़ी-बड़ी परीक्षाओं के अंदर भाग लिया लेकिन वहां पर भी उन्हें असफलता का सामना करना पड़ा। वहीं से फिर अनुभव दुबे की चाय सुट्टा बार कहानी शुरू होती है।
चाय सुट्टा बार की शुरुआत कैसे हुई
चाय सुट्टा बार की शुरुआत इंदौर शहर से हुई थी जब अनुभव दुबे यूपीएससी की तैयारी करने के लिए दिल्ली गए थे तब वहां उनकी मुलाकात आनंद नायक के साथ हुई थी जो कि आज चाय सुट्टा बार के को-फाउंडर है। जहां यूपीएससी की तैयारी कर रहे अनुभव दुबे को असफलता का सामना करना पड़ा था। इसके बाद अनुभव दुबे ने अपने दोस्त के साथ मिलकर ₹300000 के निवेश के साथ चाय सुट्टा बार की शुरुआत की थी।
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चाय सुट्टा बार ने पार किया 100 करोड रुपए के रेवेन्यू को
चाय सुट्टा बार ने केवल टी फ्रेंचाइजी से 100 करोड रुपए के रेवेन्यू को पार कर लिया है। जहां एक छोटे से ठेले से शुरुआत हुई थी आज उनके पूरे देश और विदेश मिलाकर कुल 150 से भी ज्यादा चाय के आउटलेट है। जहां पर दिन की न जाने कितने हैं रुपए की चाय बिकती हैं। अनुभव दुबे ने यह बता दिया है कि कोई भी धंधा छोटा या बड़ा नहीं होता उसे करने का तरीका और आपकी मेहनत उसे बिजनेस को काफी बड़ा बना सकती है।