कहा जाता है कि कभी भी सफलता के पीछे नहीं भागना चाहिए बस मेहनत करते रहिए सफलता आपके पीछे दौड़ेगी। आज हम एक ऐसी ही शख्सियत के बारे में बात कर रहे हैं। जिन्होंने लाखों रुपए की नौकरी को ठुकरा कर अपने खुद के स्टार्टअप की शुरुआत की और आज इस कंपनी का रेवेन्यू करोड़ों में है। साथ ही यह कंपनी भारत के अलावा अन्य कई सारे देशों के अंदर अपना व्यापार कर रही है जी हां दोस्तों आज हम एक महान शख्सियत के बारे में बात करेंगे जिनका नेचर बिल्कुल नॉर्मल व्यक्ति के जैसा है। वह आज भी गांव के अंदर रहते हैं और खेती करते हैं साथ ही अपने इस करोड़ों रुपए के रेवेन्यू वाले बिजनेस को चलाते हैं।
Zoho Founder Sridhar Vembu: दोस्तों आज हम बात कर रहे हैं श्रीधर वैंबू के बारे में जिन्होंने लाखों रुपए की नौकरी छोड़कर Zoho Cooperative नामक कंपनी की शुरुआत की यह एक सॉफ्टवेयर कंपनी है। इस कंपनी की शुरुआत श्रीधर ने अमेरिका के अंदर एक हाई पेइंग जॉब छोड़ने के बाद शुरू की जिसके बाद इन्होंने इस कंपनी के अंदर लगातार रूप से सफलता हासिल की और आज इस कंपनी का रेवेन्यू करोड़ों में है। साथ ही यह भारत के अलावा बाकी कई सारे देशों के अंदर अपना व्यवसाय कर रही हैं। श्रीधर बंबू ने अपने इस बिजनेस की शुरुआत अपने भाई के साथ मिलकर की थी।
Zoho Founder Sridhar Vembu का जीवन परिचय
श्रीधर वैंबू का जन्म चेन्नई के एक साधारण परिवार के अंदर हुआ इन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा तमिल भाषा में है कि एक रिपोर्ट में बताया गया है कि श्रीधर वेंबू को पढ़ाई का बिल्कुल भी शौक नहीं था। इनकी उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने IIT मद्रास के अंदर अपना एडमिशन लिया इसके बाद इन्होंने अपनी पीएचडी की इन्होंने डॉक्टरेट की डिग्री लेने के बाद यह नौकरी ढूंढने के लिए चले गए इसके बाद उन्होंने 2 साल नौकरी की और यह नौकरी से बिल्कुल भी खुश नहीं थे यह कुछ अलग करना चाहते थे इसलिए उन्होंने नौकरी को छोड़कर भारत लौटने के बाद अपने भाई के साथ मिलकर सॉफ्टवेयर वेंचर एडवेंट नेट कंपनी की शुरुआत की इसके बाद उन्होंने लगातार रूप से प्रयास किया और आज इन्होंने भारत की एक महान सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कंपनी Zoho की मजबूत नीव रखी और आज इस कंपनी का रेवेन्यू करोड़ों में है।
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आज भी श्रीधर वैंबू रहते हैं ग्रामीण परिवेश के अंदर
श्रीधर एक आम इंसान और अन्य व्यक्तियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है क्योंकि करोड़ों रुपए की कंपनी होने के बावजूद आज भी यह गांव के अंदर रहते हैं। खेती-बाड़ी का कार्य करते हैं साथ ही अपने व्यवसाय को गांव से ही पूरा संभालते हैं। एक रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि श्रीधर वेंबु को गांव में रहना काफी ज्यादा पसंद है। आज भी यह एक सामान्य इंसान की तरह अपने जीवन का यापन करते हैं।
गांव के अंदर से युवाओं को निकल रहे हैं श्रीधर वेंबू
श्रीधर वैंबू एक ऐसे व्यक्ति हैं जो गांव के अंदर से युवाओं के टैलेंट को बाहर निकालना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने गांव के अंदर ही एक इंस्टिट्यूट खोल लिया है। जिसके अंदर यह युवाओं को शिक्षा देते हैं। एक रिपोर्ट में जारी किया गया है कि श्रीधर का अपनी कंपनी जो हो के अंदर 88% से भी अधिक का शेयर है। वही इस कंपनी का वर्ष 2019 का मुनाफा 516 करोड रुपए रहा है।