कभी रेलवे स्टेशन पर सोने वाले व्यक्ति ने खड़ी कर दी 36000 करोड रुपए की कंपनी कभी पैसों की कमी होने की वजह से घर नहीं जा पाने की वजह से रेलवे स्टेशन पर सोना पड़ता था लेकिन आज इस व्यक्ति ने अपनी सफलता की कहानी संघर्ष के साथ लिखकर कड़ी मेहनत के बाद 36000 करोड रुपए की कंपनी का निर्माण कर दिया। आज हम एक ऐसे ही व्यक्ति के बारे में बात कर रहे हैं। जिसने मात्र ₹1000 से अपने बिजनेस को शुरू करके 36000 करोड रुपए तक का सफर कैसे तय किया इसके बारे में हम आपको बताएंगे।
Satyanarayan Nuwal Success Story: कहा जाता है कि सफलता कड़ी मेहनत के बाद मिलती है। ऐसा ही हुआ सत्यनारायण नुवाल के साथ इनको अपने करियर की शुरुआती दौर में पैसों की तंगी होने के कारण कभी-कभी रेलवे स्टेशन पर भी रात बितानी पड़ी थी। लेकिन इन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और संघर्ष के बाद विस्फोटकों की खरीदारी शुरू की और कुछ ही समय के अंदर देश की सबसे बड़ी सोलर एनर्जी कंपनी का निर्माण किया जिसकी आज कल वर्थ 36000 करोड रुपए के लगभग है। इन्होंने अपनी संघर्ष की कहानी खुद लिखी और कुछ ही समय की कड़ी मेहनत के बाद इन्होंने इतने बड़े साम्राज्य का निर्माण कर दिया।
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सत्यनारायण नुवाल कौन है
सत्यनारायण नुवाल का जन्म राजस्थान के एक साधारण परिवार के अंदर हुआ था। इनके पिता एक सरकारी दफ्तर के अंदर क्लर्क का काम करते थे। परिवार के अंदर बहुत सारी जिम्मेदारियां और कठिनाइयों के कारण यह अपनी पढ़ाई को पूरी नहीं कर पाए और इन्होंने अपनी पढ़ाई केवल दसवीं तक ही की और दसवीं के बाद इनका घर की जिम्मेदारियां ने घेर लिया उसके बाद इनको पढ़ाई छोड़नी पड़ी।
यही नहीं पढ़ाई छोड़ने के बाद जब यह नौकरी करने के लिए गए तब इनको बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा क्योंकि कम पढ़े-लिखे व्यक्ति को ना ही तो कोई नौकरी मिल रही थी और ना ही कोई अच्छा करियर ऑपच्यरुनिटी। इसी सिलसिले के चलते उनकी शादी मात्र 19 साल की उम्र में कर दी गई थी जिसके बाद इनकी जिम्मेदारी और बढ़ गई थी इसके बाद इन्होंने राजस्थान छोड़कर महाराष्ट्र में नौकरी करने का फैसला किया यह राजस्थान छोड़कर महाराष्ट्र में नौकरी करने के लिए आ गए। और फिर इन्होंने महाराष्ट्र से अपने करियर की शुरुआत की थी।
सत्यनारायण नुवाल के करियर की शुरुआत कैसे हुई
इनको अपनी शुरुआत की दोनों में बहुत कठिन समस्याओं का सामना करना पड़ा जब यह महाराष्ट्र आए थे तब उनके पास पैसों की तंगी की वजह से ना ही तो कर के ऊपर छत्त और ना ही काम करने के लिए नौकरी इसी वजह से इनको बहुत सारा समय रेलवे स्टेशन पर सोकर गुजरना पड़ा था। लेकिन कुछ समय बाद उनकी मुलाकात महाराष्ट्र में रह रहे अब्दुल सत्तार भाई से हुई। अब्दुल सत्तार के पास विस्फोटक का लाइसेंस था लेकिन वह उसे लाइसेंस का उपयोग नहीं कर रहे थे और ना ही कोई भी कारोबार कर रहे थे। उन्होंने अब्दुल सत्तार भाई से मात्र ₹1000 में उसे समय में विस्फोटकों को का लाइसेंस खरीद लिया था। उसी के बाद से उनकी करियर की शुरुआत हुई और इनका नया दौर देखने को मिला।
मात्र ₹1000 से की थी बिजनेस की शुरुआत
इन्होंने मात्र ₹1000 से अपने कारोबार की शुरुआत की इन्होंने शुरुआती दौर में लोगों को विस्फोटकों के लिए किराए पर जगह उपलब्ध कराने का फैसला किया फिर धीरे-धीरे इन्होंने अपने कारोबार को बढ़ाया और खुद लोगों से मात्र 250 रुपए में विस्फोटकों को खरीद कर उन्हें ₹800 की कीमत में बेच देते थे। जिसके बाद उनको अच्छा खासा मुनाफा होने लगा उन्होंने अपने कारोबार को पूरी तरह से महाराष्ट्र के नागपुर शहर में शिफ्ट कर लिया था। धीरे-धीरे कर कर इन्होंने खुद से ही अपनी कंपनी शुरू कर विस्फोटकों का निर्माण करना शुरू कर दिया। इसके बाद इन्होंने वर्ष 1995 के अंदर अपनी पहली यूनिट की स्थापना की थी।
सोलर एनर्जी इंडस्ट्री में 36000 करोड रुपए की खड़ी कर दी कंपनी
इन्होंने वर्ष 1996 के अंदर अपने सोलर एनर्जी कंपनी को एक सफलता की जननी के साथ देखा धीरे-धीरे इनको विस्फोटकों का बड़ा ऑर्डर मिलने लग गया और इनको 6000 टन तक विस्फोटक तैयार करने का लाइसेंस भी मिल गया था। इसके बाद उनकी संपत्ति में भी उछाल आले लग गया आज उनकी कंपनी की कुल वर्थ 36000 करोड रुपए के लगभग है। वहीं अगर हम सत्यनारायण नुवाल संपत्ति की बात करें तो इनकी कुल संपत्ति 1.8 अरब डॉलर है। आज यह फॉक्स की 100 अरबपतियों की लिस्ट में भी शामिल है।