दोस्तों कहा जाता है कि कोई भी बिजनेस छोटा या बड़ा नहीं होता अगर आपके अंदर किसी भी कम को लेकर करने की इच्छा और पूर्ण इच्छा शक्ति है तो आप उसे कम को आसानी के साथ कर सकते हैं और उसको बड़ा बना सकते हैं। चाहे आप कोई भी कम कर रहे हो बहुत छोटा या बड़ा नहीं होता जिस काम से आपका घर चलता है। आप उसे छोटा या बड़ा नहीं कर सकते। आज हम आपको एक ऐसे ही व्यक्ति के बारे में बताएंगे जिस दिन महीने की अच्छी खासी सैलरी वाली नौकरी को छोड़कर अपनी खुद की बिजनेस की शुरुआत की और आज उसकी कंपनी का टर्नओवर दो करोड रुपए का है। जी हां दोस्तों उसे नौजवान ने केवल कपड़े सिलने के बिजनेस की शुरुआत की और आज उसका टर्नओवर करोड़ों रुपए का बन गया है।
Mithlesh Singh Success Story: आज हम बात कर रहे हैं बिहार के एक छोटे से शहर से आए लड़के मिथिलेश सिंह के बारे में जिसने अच्छी खासी नौकरी छोड़कर अपने खुद के बिजनेस की शुरुआत की और आज वह करोड़ों रुपए का टर्नओवर कर रहा है। इस नौजवान ने मात्र अपने घर से बिजनेस की शुरुआत की और आज यह एक ब्रांड बन चुका है। इसके बिजनेस के अंदर कई संघर्ष भरी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा लेकिन इन्होंने हार नहीं मानी और लगातार रूप से प्रयास करते रहे और आज इन्होंने अपने कपड़े सिलने वाले बिजनेस को भारत का एक प्रमुख ब्रांड बना दिया है। आईए जानते हैं मिथिलेश सिंह के बारे में की यह कौन है और इन्होंने अपने बिजनेस की शुरुआत कैसे की थी।
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Mithlesh Singh कोन है
मिथिलेश सिंह का जैन बिहार के आरा जिले के अंदर हुआ था। इनकी एक फैमिली कपड़ों की दुकान भी थी। इसके बाद से ही इनको बिजनेस का काफी शौक चढ़ा हुआ था यह शुरू से ही बिजनेस और बिजनेस करने की ही बात कर रहे थे। इनकी दिल्ली की इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से पूरी मूवी इन्होंने दिल्ली में रहकर MBA की पढ़ाई एमबीए के अंदर ग्रेजुएशन के बाद इन्होंने जस्ट डायल नामक कंपनी के अंदर नकोरी शुरू की थी। लेकिन आज भी यह नौकरी से खुश नहीं थे क्योंकि इनको केवल बिज़नस ही करना था। तब इन्होंने अपना बिजनेस आईडिया लगाया और अपने बिजनेस की शुरुआत की थी।
मिथिलेश सिंह को कहां से आया बिजनेस करने का विचार
Mithilesh Singh जब नौकरी कर रहे थे तब इनके मां के अंदर एक ख्याल आया की क्यों ना नौकरी छोड़कर अपने खुद का बिजनेस शुरू किया जाए किसी की नौकरी करने से अच्छा तो खुद का बिजनेस करना बहुत अच्छा होता है। इसी के चलते इन्होंने जस्ट डायल जैसी बड़ी कंपनी की नौकरी छोड़ दी। वर्ष 2016 के अंदर मिथिलेश सिंह जस्ट डायल कंपनी में उत्तर प्रदेश के सुपरवाइजर पद पर नियुक्त थे। इतनी बड़ी नौकरी छोड़ने के बाद इन्होंने वापस अपने शहर आरा में रेडीमेड गारमेंट बनाने के बिजनेस की शुरुआत की थी।
मिथिलेश सिंह ने कैसे की बिजनेस की शुरुआत
जब इन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर अपने शहर आर ए गए थे तब इन्होंने केवल एक कमरे से ही इस बिजनेस की शुरुआत की थी। इन्होंने सबसे पहले रेडीमेड कपड़े बनाने वाली मशीन खरीदी जिसके अंदर इनको लगभग ₹500000 का निवेश करना पड़ा था। उसके बाद इन्होंने अपने घर से ही एक कमरे के अंदर से रेडीमेड कपड़े बनाने वाले बिजनेस की शुरुआत की थी और आज यह भारत के प्रमुख रेडीमेड कपड़े बनाने वाले ब्रांड के अंदर शामिल हो गया है।
कैसे एक साधारण रेडीमेड कपड़े बनाने वाला बिजनेस बन गया भारत का प्रमुख ब्रांड
जब इन्होंने अपने बिजनेस की शुरुआत की तब यह बिजनेस लगातार रूप से अपनी रफ्तार को पकड़ रहा था। लेकिन कुछ ही समय के बाद उनके सामने एक बड़ी समस्या आकर खड़ी हो गई वह थी। कोरोना की जब पूरे देश के अंदर लॉकडाउन लग गया था और सारे बिजनेस बंद पड़ गए थे। तब इन्होंने उसे आपदा की घड़ी में अपने क्षेत्र के उन लोगों को नौकरी दी जो की अन्य बड़ी-बड़ी कपड़े बनाने वाली कंपनियों के अंदर नौकरी कर रहे थे और वहां से उन्हें निकाल दिया गया था। मिथिलेश सिंह ने उन लोगों को नौकरी पर रखा जो कि कई सालों से कपड़े बनाने वाले बिजनेस के अंदर कम कर रहे थे और उनका अच्छा एक्सपीरियंस भी था। इसके बाद से ही उनके बिजनेस में तेज रफ्तार पकड़ी और इनका छोटा सा रेडीमेड कपड़े बनाने वाला बिजनेस भारत का प्रमुख आर्मर ब्रांड बन गया।
आर्मर ब्रांड के अंदर 85 से भी ज्यादा लोग करते हैं काम
मिथिलेश सिंह की आर्मर ब्रांड के अंदर आज 70 से भी ज्यादा पुरुष काम करते हैं साथ ही 15 महिलाएं उनके साथ में मिलकर आज आर्मर जैसे ब्रांड मी कम कर रही है और बिजनेस को लगातार रूप से रफ्तार दे रही है। यह आज केवल बिहार का ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश समेत कई सारे राज्यों के अंदर रेडीमेड कपड़े बनाने और उनकी बिक्री करने का काम करता है।
आर्मर का 2 करोड रुपए का टर्नओवर
आज यह एक छोटा सा बिजनेस नहीं रहा है बल्कि ब्रांड बन गया है। आज यह एक कंपनी बन गई है और आज इसका टर्नओवर 2 करोड रुपए का हो गया। कैसे एक बिहार के लड़के ने नौकरी से बिजनेस की लाइन शुरू की और एक छोटे से बिजनेस को भारत का प्रमुख ब्रांड बना दिया है।